Wednesday, July 31, 2019

बनारस "मोहब्बत का शहर"


            बनारस -"मोहब्बत का शहर"
इस शहर में एक तरफ गंगा बहती है और दूसरी ओर मोहब्बत, एक तरफ चलती है ज्ञान की बातें तो दूसरी तरफ चाय पर चर्चा ।।
यह एक इकलौता शहर है जहाँ जीवन और मृत्यु साथ साथ चलते है ।।इस शहर को धार्मिक शहर नहीं कहेंगे ये अदभुत शहर है।।
ये अदभुत इसलिए-
जब कहीं आप खोने लगे तो बस एक हाथ में गंगा के जल को महसूस तो करिए फिर से जी उठने की चाह जाग उठेगी ।।
"पान के बिना तो यह शहर अधूरा ही है ,और गाली यहाँ की प्रेम की भाषा है ।।
टूटी सड़के,गन्दी गालियां,जाम यहाँ की शान है"इस शहर में अदब नहीं है,प्रेम जरूर है ।।
बनारस के रस में कई तरह के रस का मिश्रण है ।।
"एक मरे हुए इंसान को जीना सिखाता, जीता हुआ शहर है ये ।।
"बनारस में रहा नहीं जाता वहाँ जिया जाता है ।।अपने अंदर के खुद से मिलाने का शहर "
बनारस की छोटी छोटी गालियां यहाँ की खूबसूरती है ।।जितनी यहाँ सड़के नहीं है उससे कभी गुना ज्यादा गालियां है ।।
"यहाँ चाय की बैठकी पर मिलने वाला ज्ञान आपको कहीं और मिल ही नहीं सकता" इस जीवन में तो नहीं ।।
"इस शहर में सब गुरु है,
यहाँ कोई चेला नहीं ।।"
"यहाँ एक तरफ दशाश्वमेध पर जीवन  और दूसरी तरफ मणिकर्णिका पर मृत्यु दोनों को साथ साथ चलते हुए यहाँ देखना ही संभव है "।।
इस शहर में बारिश अचानक आती है और अचानक ही जाती है ।।
बनारस शहर कभी सोता नहीं ,यह हर समय जगता है ।।और आपको हर समय जीना सिखाता है ।।
"जीवन का मृत्यु से बस तनिक दूर का फासला "

हर वक़्त मोहब्बत बाँटता शहर ।।आसि घाट पर बैठे प्रेमी युगल इसकी निशानी है ।।
गोदौलिया चौराहा ,चौका घाट, मैदागिन की जाम में खो कर देखना अदभुत है,यह ऐसा जाम जहाँ आप कभी फँसा हुआ नहीं महसूस कर सकते ये यहाँ की शान है ।।
पान से भरे मुँह में निकलते फव्व्वारे किसी को भिगोने का माद्दा रखते है ।।
"महादेव इस शहर के रचयिता"कहते है यह शहर महादेव के त्रिशूल पर स्थित है ।।
वैसे तो बनारस के हर एक गली नुक्कड़ सड़क पर आप महादेव को करीब से महसूस करेंगे और काशी विश्वनाथ मंदिर में उन्हें उन्हें स्वयं के अंदर जीता हुआ देखेंगे।।कहा जाता है यहाँ मोक्ष की प्राप्ति होती है ।।
"दशाश्वमेध की चकाचौंध ।।
मनिकर्णिका का सूनापन ।।
पानी का ठहराव ।।
बादलों की चंचलता ।।
सड़कों का जाम ।।
चाय पर मिलता ज्ञान ।।
अस्सी की मोहब्बत ।।
साक्षात महादेव का हाथ ।।
गंगा की आरती ।।
अघोरी की पूजा ।।"
            एक जीवन कम पड़ जायेगा बनारस में जीने के लिए ।।
यहाँ कहा जाता है -
      "बनारस में सब गुरु ,केहु नहीं चेला ।।"


             ""भनभना,भकाभक,लकालक, लपालप बोले        तो एक दमे ही भोकाली,चौचक ,चपसंड सा                    मेरा शहर महादेव की नगरी बनारस""।।।
          
                 "जीता हुआ जीना सिखाता शहर "।।।

शिखा सर्वेश सिंह


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